बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों में की जाती है।
भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया।
काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को विघ्न में डाल दिया।15 नवंबर 1875 को झारखंड के आदिवासी दम्पति सुगना और करमी के घर जन्मे बिरसा मुंडा ने साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रची।
बिरसा ने अंग्रेजों के साथ साथ सूदखोर महाजनों के ख़िलाफ़ भी जंग का ऐलान किया; महाजन जो क़र्ज़ के बदले उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लेते थे ।
#बिरसामुंडा का विद्रोह मात्र विद्रोह नहीं था, वह आदिवासी #अस्मिता, #स्वायतत्ता और #संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था।
#बिरसा_बाबा आपकी लड़ाई अधूरी है एक और #उलगुलान जरूरी है।
।।। आज उनकी 120 वीं पुण्यतिथि पर उनको सादर प्रणाम ।।।
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